सीएम हेल्पलाईन के प्रकरणों को गंभीरता से लें और निराकरण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी
जबलपुर : कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में आज लंबित पत्रों की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान सीएम हेल्पलाईन में लंबित प्रकरणों की विभागवार समीक्षा कर कहा कि सीएम हेल्पलाईन के प्रकरणों को गंभीरता से लें और निराकरण करें। इसी प्रकार समय सीमा के लंबित प्रकरणों को भी संवेदनशीलता के साथ निराकरण करें। प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जायेगी। समीक्षा के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड, जाति प्रमाण पत्र की स्थिति, नहरो की अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने, छात्रवृत्ति, पीएम आवास, बिजली से संबंधित समस्याओं के साथ निर्माण कार्यों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कर कहा कि इस दिशा में तत्परता से कार्य करें। उन्होंने कहा कि शिकायत प्राप्त होते ही शिकायतकर्ता से बात करने पर आधी समस्या का समाधान वैसे ही हो जाता है या निराकरण करने में सहूलियत होती है। अत: शिकायतकर्ता से जरूर बात करें।
बैठक में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने विशेष रूप से धान उपार्जन को पारदर्शी व व्यवस्थित रूप से संपादित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस कार्य में जिला अधिकारियों की टीम भी गठित की जायेगी। साथ ही उन्होंने उपार्जन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी और जहां-जहां गड़बड़ी की संभावना हो सकती है उनके बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि जांच के नाम पर सर्वेयर अनावश्यक रूप से धान को रिजेक्ट न करें। यदि रिजेक्ट करते हैं तो उसके सैंपल व पत्रक जरूर तैयार करें। उन्होंने कहा कि जिस किसान की धान खरीदी गई है वह स्पेसीफाईड हो, उसके नाम का बोरे में टेग लगा हो, उपार्जन केन्द्र का नाम भी हो। उन्होंने स्टॉक वेरीफिकेशन के संबंध में भी जानकारी देते हुए कहा कि पोर्टल में जितनी खरीदी दिखाई दे रही है, भौतिक रूप से उतना होना भी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना स्लॉट बुकिंग के किसान अपनी फसल को उपार्जन केन्द्र पर न लायें। उन्होंने धान उपार्जन को व्यवस्थित करने के लिए कहा कि यह उपार्जन नीति के अनुसार ही हो, इसमें उदासीनता बिल्कुल न बरतें।
बैठक में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने विशेष रूप से धान उपार्जन को पारदर्शी व व्यवस्थित रूप से संपादित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस कार्य में जिला अधिकारियों की टीम भी गठित की जायेगी। साथ ही उन्होंने उपार्जन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी और जहां-जहां गड़बड़ी की संभावना हो सकती है उनके बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि जांच के नाम पर सर्वेयर अनावश्यक रूप से धान को रिजेक्ट न करें। यदि रिजेक्ट करते हैं तो उसके सैंपल व पत्रक जरूर तैयार करें। उन्होंने कहा कि जिस किसान की धान खरीदी गई है वह स्पेसीफाईड हो, उसके नाम का बोरे में टेग लगा हो, उपार्जन केन्द्र का नाम भी हो। उन्होंने स्टॉक वेरीफिकेशन के संबंध में भी जानकारी देते हुए कहा कि पोर्टल में जितनी खरीदी दिखाई दे रही है, भौतिक रूप से उतना होना भी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना स्लॉट बुकिंग के किसान अपनी फसल को उपार्जन केन्द्र पर न लायें। उन्होंने धान उपार्जन को व्यवस्थित करने के लिए कहा कि यह उपार्जन नीति के अनुसार ही हो, इसमें उदासीनता बिल्कुल न बरतें।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि रांझी तहसील अंतर्गत उमरिया गौशाला में मुख्यमंत्री का दौरा प्रस्तावित है, अत: वहां की सभी तैयारियां व्यवस्थित कर ली जाये। कार्यक्रम सिर्फ गौशाला का नहीं है बल्कि अन्य विभागों के हितग्राहियों को भी लाभांवित किया जायेगा। साथ ही भूमिपूजन व लोकार्पण के कार्यक्रम होंगे। इस दौरान पट्टा वितरण का कार्यक्रम भी होगा। अत: उमरिया गांव के निवासियों के सर्वे कर उन्हें पट्टा देने का कार्य प्रारंभ कर दें। बैठक में कलेक्टर सक्सेना ने कहा कि 23 दिसम्बर को समाधान ऑनलाईन हो सकता है, अत: इसके पूर्व सीएम हेल्पलाईन व लंबित प्रकरणों का निराकरण करना सुनिश्चित कर लिया जाये। इस दौरान अपर कलेक्टर श्री नाथूराम गौड सहित सभी जिला अधिकारी मौजूद थे।
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